कोरोना अनलॉक चार में सितंबर से चलने के लिए तैयार मेट्रो में यात्रियों के लिए सफर आसान नहीं होगा। पहली मुश्किल मेट्रो स्टेशन में प्रवेश को लेकर है। स्टेशन में आपको प्रवेश मिलेगा कि नहीं, यह उस स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों की संख्या पर भी निर्भर होगा। मेट्रो लाइन को आपस में जोड़ने वाले इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन में भीड़ एकत्रित नहीं होने को लेकर दिल्ली मेट्रो ने खास योजना बनाई है।
प्लेटफार्म पर होने वाली भीड़ की निगरानी करना स्टेशन कंट्रोलर की जिम्मेदारी होगी। वह प्रवेश गेट पर तैनात सीआईएसएफ कर्मी के साथ मिलकर यह तय करेगा कि प्लेटफार्म पर अधिक भीड़ होने पर स्टेशन में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली मेट्रो में कुल 23 से अधिक ऐसे स्टेशन हैं, जो कि दो या उससे अधिक लाइन को आपस में जोड़ते हैं। इसमें कुछ ऐसे इंटरचेंज स्टेशन हैं, जहां पर एक दिन में एक लाख से लेकर 5 लाख तक के यात्रियों की आवाजाही आम दिनों में होती है।
अनलॉक-4 : सितंबर में अगर चली दिल्ली मेट्रो तो यह होगा बदलाव
कोविड महामारी के दौरान मेट्रो परिचालन के दौरान यहां पर भीड़ ना हो इसके लिए मेट्रो ने खास तैयारी की है। इसके अलावा मेट्रो ने वैशाली, हुडा सिटी सेंटर, मंडी हाउस जैसे करीह 13 से अधिक मेट्रो स्टेशन चिन्हित किए हैं, जहां पर ज्यादा भीड़ होती है।
इंटरचेंज स्टेशन पर आवाजाही के लिए अलग-अलग होंगे रास्ते
इंटरचेंज स्टेशन अभी एक लाइन से दूसरे लाइन पर जाने के लिए एक ही रास्ते का प्रयोग होता है। जब दोनों लाइन पर एक ही समय पर ट्रेन आती है तो वहां रास्तों पर भीड़ होती है। आते-जाते लोग आपस में टकराते भी हैं। मेट्रो इंटरचेंज स्टेशन पर एक लाइन से आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते तैयार करेगी। स्टेशन पर प्रवेश व निकास के लिए बने महज 50 फीसदी गेट ही खोले जाएंगे। जिससे स्टेशन के प्रवेश गेट पर ही भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इसके लिए प्रवेश गेट से लेकर एएफसी गेट पर मेट्रो ने मार्किंग करने का काम शुरू कर दिया है।
प्लेटफार्म पर ज्यादा देर रूकेगी ट्रेन, यात्रा का समय बढ़ेगा
आम दिनों की तुलना में मेट्रो के सभी स्टेशन पर ट्रेन ज्यादा देर तक रूकेगी। मगर इंटरचेंज स्टेशन जहां पर अधिक भीड़ होती है वहां ट्रेन को 20-30 सेकेंड अधिक समय के लिए रोका जाएगा। आम दिनों में एक स्टेशन पर ट्रेन 15 स 20 सेकेंड तक रूकती है। अब इसे कम भीड़ वाले स्टेशन पर 30 सेकेंड तक रोकने की तैयारी है। मगर इंटरचेंज वाले स्टेशन या फिर ज्यादा भीड़ वाले स्टेशनों पर 40 से 50 सेकेंड तक रूकेगा। इसका प्रभाव यह होगा की आपके यात्रा का समय बढ़ेगा। अभी द्वारका से बॉ़टेनिकल गार्डन (ब्लू लाइन) की 56 किलोमीटर की लाइन पर 65 मिनट से अधिक समय लगता है। मगर आने वाले दिनों में इसमें 10 से 15 मिनट तक का इजाफा हो जाएगा।
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सीसीटीवी, वॉलंटियर करेंगे निगरानी
स्टेशन पर कही भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए तकनीकी के साथ दिल्ली मेट्रो मैन पावर का भी प्रयोग करेगी। स्टेशन के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे से स्टेशन कंट्रोलर इसकी निगरानी करेगा। इसके अलावा मेट्रो के पास एक वॉलंटियर्स की टीम है। इस टीम का प्रयोग ऐसे मौके पर किया जाता है। मेट्रो परिचालन के दौरान इस टीम को भी ज्यादा भीड़ वाले स्टेशनों पर उतारा जाएगा। इसके अलावा बड़े इंटरचेंज स्टेशन पर 11 इवेंट कॉर्नर हैं। जहां पर जागरूकता व जानकारी के लिए प्रयोग किया जाएगा। वहां स्क्रीन, फ्लैक्स बोर्ड पर निर्देशों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
स्टेशन के अंदर इन क्षेत्र में भीड़ का खतरा, रहेगी निगरानी
प्रवेश गेट, टिकट काउंटर, ग्राहक सेवा केंद्र, टिकट वेंडिग मशीन के पास, एएफसी गेट पर प्रवेश व निकास के समय, लिफ्ट, एस्केलेटर्स, प्लेटफार्म।
पांच बड़े इंटरचेंज रोजाना यात्री (लाख में)
कश्मीरी गेट 4-5
राजीव चौक 4-5
हौज खास 1.50
चांदनी चौक 1.25
बॉटेनिकल गार्डन 1.35
नोट: यात्रियों की यह संख्या कोवि-19ड से पहले का है।
फैक्ट फाइल:
389 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क है।
285 मेट्रो स्टेशन हैं।
30 लाख लोग सफर करते थे लॉकडाउन से पहले।
23 से अधिक मेट्रो इंटरचेंज स्टेशन है।
5 महीने से बंद है मेट्रो का परिचालन।
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