चांदनी चौक से जायकों की खुशबू आने लगी है। चाट, समोसे, जलेबी, बेडमी-पूरी, पराठे, भल्ले, रबड़ी, मिठाई और छोटे-भटूरे समेत अन्य व्यंजनों की दुकानों पर स्वाद के शौकीनों का जमावड़ा होने लगा है। इन दुकानों पर चहल-पहल लौटने लगी है। काम बढ़ा है। कहीं कढ़ाई में छनते भटूरे और पूड़ी भूख बढ़ा रहे हैं तो तवे पर सिंकते पराठे मुंह में पानी ला दे रहे हैं। लाजमी है, कोरोना का भय भी कायम है तो कई लोग मन मसोस कर ललचाई आंखों से ही स्वाद की अनुभूति कर लेने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मांग उतनी नहीं है, जो कोरोना के पहले हुआ करती थी। दुकानदार भी हालात को समझते हैं और कोरोना से बचाव के भरसक इंतजाम कर रहे हैं। साथ ही वह 30 से 50 फीसद तक लौटे कारोबार को शुभ संकेत मान रहे हैं। वह उम्मीद जताते हुए कहते हैं कि इस माह के मध्य से शुरू हो रहे त्योहारी सीजन से उनके कारोबार में और सुधार आ जाएगा। स्वाद के मामले में चांदनी चौक की विशेष पहचान है। यह ऐसा जो रूह तक उतर जाएं। हर गली किसी न किसी खास व्यंजन या नाश्ते के लिए प्रसिद्ध है जिसके तलबगार पुरानी दिल्ली व दिल्ली के अन्य भागों के साथ ही एनसीआर और दूसरे राज्यों के लोग भी है। वैसे, यहां के दुकानदारों पर कोरोना के रूप में दोहरी मार पड़ी है। स्वाद के लिए विशेष रूप से मशहूर पराठे वाली गली में पराठे की 100 साल से अधिक पुरानी कई दुकानें तथा छोटे-भटूरे, कुल्फी, लस्सी व खुरचन समेत अन्य व्यंजनों की दुकानों पर स्वाद के तलबगार दिखने लगे हैं।
पराठा विक्रेता ( पराठे वाली गली )का कहना है कि धीरे-धीरे हम खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं। एक माह पहले दुकान खोलनी शुरू की है। पहले कुछ दिन कारोबार महज 10 फीसद था। अब जाकर यह 30 तक पहुंचा है। उम्मीद है कि एक-दो माह में इसमें और सुधार होगा। हालांकि, कोरोना को लेकर लोग बाहर खाने-पीने में एहतियात बरत रहे हैं। वैसे, हमने जरूरी उपाय किए हैं। ग्राहकों को उचित दूरी पर बैठाने और पैकिंग की व्यवस्था की है।
इसी तरह कुल्फी विक्रेता ने बताया कि 125 साल पुरानी हमारी कुल्फी की दुकान है। ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। पर अच्छी बात यह कि धीरे-धीरे कारोबार लौट रहा है। लोग बाजारों में आने लगे हैं। कुछ काम निकलने लगा है। उम्मीद है कि अब काम आगे बढ़ेगा। इंतजार तो कोरोना का टीका आने को लेकर है। तब तक इसी तरह संघर्ष चलता रहेगा।
एक मशहूर मिठाई वाले का कहना है कि मिठाइयों के खरीदार बाजार में आने लगे हैं। कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। यह कोरोना से पहले की स्थिति में 50 फीसद तक पहुंच गया है। उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक बिक्री सामान्य हो जाएगी। हम कोरोना से बचाव के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। हर कर्मचारी मास्क व ग्लव्स लगाकर दुकान के भीतर है।
वहीँ नटराज भल्ले वाले ने बताया कि पिछले माह ही दुकान खोला है। कारोबार 50 फीसद तक पहुंच गया है। स्वाद के तलबगार आने लगे हैं। बहुत सारे लोगों को यह पता नहीं है कि दुकानें खुलने लगी है। हम आने वाले कुछ माह में अच्छे की उम्मीद करते हैं।
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